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गोरखपुर, चाय पंचायत संवाददाता।
“गगहा पुलिस ने तय समय के भीतर हमारे विधान सभा क्षेत्र के भलुआन की बेटी काजल सिंह को न्याय दिया है। हत्यारा पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ। यह प्रतिक्रिया एक लाख के इनामी विजय प्रजापति के एनकाउंटर में मारे जाने पर सोशल मीडिया पर बांसगांव के विधायक डॉ. विमलेश पासवान ने दी है।” अकेले विमलेश पासवान ही नहीं, बल्कि सैकड़ों लोग पुलिस की कामयाबी पर सोशल मीडिया के जरिए बधाई दे रहे हैं। हर कोई चाह रहा था कि मासूम बच्ची के कातिल को सजा मिले। इसलिए गगहा इलाके में उत्साह का माहौल है। लंबे समय के बाद एनकाउंटर करके गोरखपुर पुलिस भी उत्साहित नजर आ रही है। एसएसपी गोरखपुर डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि हमारी टीम ने बदमाश को रोकने की कोशिश की। तब उसने गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में उसे भी गोली लगी। टीम उसे लेकर अस्पताल गई लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
गुरुवार की देर रात हुई मुठभेड़, मारा गया विजय प्रजापति
गगहा इलाके में पुलिस ने काजल हत्याकांड में फरार चल रहे एक लाख के इनामी बदमाश विजय प्रजापति को मुठभेड़ में मार गिराया। गगहा पुलिस और स्वॉट की संयुक्त टीम के साथ गोबरहिया पुलिया के पास हुई। पुलिस से घिरने पर विजय ने गोली चलाई तो उसे भी गोली लगी। घायल होकर वह गिर पड़ा। पुलिस उसे तत्काल अस्पताल ले गई। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। काजल हत्याकांड में फरार विजय पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। मुठभेड़ में विजय का एक साथी मौके से भाग निकला। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू की
गुरुवार की रात पुलिस को विजय के गोबरहिया पुलिया के पास उसके होने की सूचना मिली थी। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर घेराबंदी शुरू की। इस दौरान वहां विजय प्रजापति और एक अन्य व्यक्ति आते दिखाई दिए। पुलिस ने रोकना चाहा तो विजय ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस टीम ने खुद का बचाव करते हुए जवाबी फायरिंग की।
हरियाणा पुलिस का फर्जी आईकार्ड मिला
आरोपित विजय पर गोरखपुर, बाराबंकी और देहरादून में लूट के 12 मुकदमों सहित कई मामले दर्ज हैं। वह दिल्ली—एनसीआर इलाके में एक्टिव था। उसके पास से पुलिस ने बाइक, दो पिस्टल सीबीआई और हरियाणा पुलिस की फर्जी आई कार्ड बरामद किया। पुलिस से बचने के लिए वह फर्जी आईकार्ड दिखाकर सीबीआई का अधिकारी बनकर घूमता था।
21 अगस्त की रात काजल को मारी थी गोली
गगहा इलाके के जगदीश पुर भलुवान निवासी राजीव नयन सिंह का अपने ही गांव के शातिर अपराधी विजय प्रजापति से पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद था। इसे लेकर 21 अगस्त की रात करीब 11.30 बजे विजय प्रजापति राजीवन नयन सिंह के दरवाजे पर चढ़कर राजीव नयन सिंह को मारने लगा। शोर सुनकर 16 वर्षीय पुत्री काजल सिंह घर से बाहर निकल आई और अपने पिता को पिटता देख मोबाइल में वीडियो बनाने लगी। तभी विजय ने उसके पेट में तमंचा सटाकर गोली मार दी। 26 अगस्त को काजल की मौत होने के बाद राजनीति गर्म हो गई। समाजवादी पार्टी, करणी सेना सहित कई संगठनों और दलों ने पुलिस पर सवाल उठाए।
“एक लाख के इनामी विजय की तलाश में पुलिस टीम लगी थी। उसकी लोकेशन मिलने पर कार्रवाई हुई। पुलिस पर हमला करके भागने की कोशिश में उसे भी गोली लगी। अस्पताल में डॉक्टरों ने विजय को मृत घोषित कर दिया। उसका एक साथी पहले ही जेल भेजा जा चुका है। विजय को संरक्षण देने, उसकी मदद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
डॉ. विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर“
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