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गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने हर सोमवार और मंगलवार को कैंप लगाकर पेडिंग मामलों को निस्तारित कराने का निर्देश दिया है। कैंप में पहले से लंबित मानचित्र और नामांतरण का निस्तारण किया जाएगा। उपाध्यक्ष ने कहा है कि जो मामले मौके पर नहीं निस्तारित हो सकेंगे, उन्हें अगले पांच दिन के भीतर निस्तारित कराया जाएगा। इससे अवैध निर्माण पर रोक लगेगी। प्राधिकरण की आय बढ़ाने के साथ पब्लिक को बेवजह जीडीए का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मंगलवार को दूसरे दिन के कैंप में जीडीए उपाध्यक्ष और सचिव राम सिंह गौतम पूरे समय मौजूद रहे। अधिकारियों ने आवेदकों की समस्याएं सुनीं। दो दिनों के भीतर मानचित्र और नामांतरण संबंधित 40 से अधिक मामलों का निस्तारण हुआ। बचे हुए मामलों को खत्म करने के लिए सात अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है। प्राधिकरण में लंबित मानचित्रों के निस्तारण को लेकर पहली बार कवायद हुई है। जीडीए उपाध्यक्ष के पहले की सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि इससे आमआदमी को सहूलियत मिलेगी। लोगों को नक्शा पास कराने के लिए जीडीए का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
बेवजह पेंच से होते अवैध निर्माण, परेशान करते हैं कर्मचारी
शहर में मकान बनवाने के लिए दौरान नक्शा पास न होने से लोगों को अवैध निर्माण कराना पड़ता है। मानचित्र पेडिंग होने के बाद कंस्ट्रक्शन की सूचना पर कर्मचारी भी दोहन करते हैं। सोमवार और मंगलवार को दो दिनों तक लगे कैंप में कई ऐसे आवेदकों के मामले सामने आए जो कई साल से पेडिंग थे। उद्यमी विष्णु अजीत सरिया का बरगदवां में व्यावसायिक निर्माण को लेकर मानचित्र का आवेदन 12 साल से लटका था। मामला सामने आने पर उपाध्यक्ष ने इसे घंटे भर में निपटा दिया। पहले दिन कैंप में 45 आवेदन आए जबकि 15 शमन मानचित्र स्वीकृत किए गए जिनसे प्राधिकरण को एक करोड़ 66 लाख 49 हजार 598 रुपये की इनकम हुई। वहीं संपत्तियों के 19 मामलों का निस्तारण हुआ। दूसरे दिन चार शमन मानचित्र स्वीकृत किए गए जिससे प्राधिकरण को 1 करोड़ 70 लाख 22 हजार 220 रुपये की आय होगी। इसके अलावा संपत्तियों के नामांतरण संबंधी नौ मामलों का भी निस्तारण हुआ।
10 से 12 बजे तक मौजूद रहेंगे अधिकारी—कर्मचारी
जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने प्राधिकरण के सभी अफसरों, कर्मचारियों को हिदायत दी है कि सभी समय से आफिस पहुंचें। अपने टेबल पर सुबह 10 बजे से 12 बजे तक मौजूद रहें। इस दौरान आने वाले लोगों की समस्याओं को सुनकर निस्तारित करें। औचक निरीक्षण में यदि कोई अफसर या कर्मचारी तय समय पर अपने पटल पर नहीं मिला तो कार्रवाई तय है। उन्होंने कहा कि दो दिन तक चले मानचित्र और नामांतरण निस्तारण कैंप में कई ऐसे मामले आए जो लंबे समय से लंबित हैं। समय से उनका निस्तारण नहीं किया गया जो गंभीर विषय है। इससे जनसामान्य को असुविधा और परेशानी के साथ-साथ प्राधिकरण की छवि धूमिल होती है।
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