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गोरखपुर। कोरोना के 30 मरीज लापता हो गए हैं। उनकी कोई जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। जांच के दौरान दिए गए मोबाइल नंबर और गलत पते की वजह से मरीजों की लोकेशन नहीं मिल पा रही। ऐसे लोगों से पूरे शहर में कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा है। विभाग उनकी रिपोर्ट लेकर घूम रहा है। लेकिन लापता मरीजों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसलिए जांच के लिए आने वाले लोगों को अब आधार कार्ड भी देना पड़ सकता है।
रोकथाम के कारगर उपाय नहीं, जांच में दिया गलत पता
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के कारगर उपाय नहीं हैं। ऐसे में जांच कराकर लापता मरीजों ने विभाग की नींद उड़ा दी है। उन्हें स्वास्थ्य और पुलिस, दोनों मिलकर खोज रहे हैं लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल रही है। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कुछ लोगों ने अपने नाम-पते और मोबाइल नंबर गलत लिखवा दिए। सीएमओ ने कहा कि होम आइसोलेट मरीजों को दूसरी जांच कराने की जरूरत नहीं है। 10 दिन तक वे एक कमरे में आइसोलेट रहेंगे। इसके बाद सात दिन और घर में ही बिताएंगे। 10 दिन बाद वे घर के अन्य कमरों में जा सकते हैं। लेकिन सात दिन तक घर से बाहर नहीं निकलेंगे। यदि कोई संक्रमित बिना जांच कराए संतुष्ट नहीं होता है तो उसके लिए सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर मंगलवार और शुक्रवार को जांच कराने का दिन निर्धारित किया गया है। इसलिए वो लोग किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करा सकते हैं।
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