जिले में अफसर नहीं सुनते बात तो सीएम हेल्प लाइन नंबर पर 1076 पर करिए काल

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गोरखपुर। जिले में पीड़ितों की फरियाद नहीं सुनी जा रही है तो उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है। शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही होने पर सीएम हेल्प लाइन नंबर 1076 पर काल करके पीड़ित अपनी बात रख सकते हैं। सीएम हेल्प लाइन नंबर पर आने वाली शिकायतों को नोट करके सीएम आफिस के कर्मचारी कार्रवाई के लिए निर्देश जारी करेंगे। मुख्यमंत्री कंप्लेंट मानीटरिंग सेल समस्या के निस्तारण होने तक मानीटरिंग करके फीड बैक लेता रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च को इस हेल्प लाइन नंबर की औपचारिक शुरूआत सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे।

अफसरों के टरकाने पर कर सकेंगे काल
पीड़ित अपनी समस्या लेकर दिनभर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के चक्कर लगाते हैं। यदि कोई थाने पर शिकायत लेकर जाता है तो जांच के नाम पर उनको टरका दिया जाता है। कार्रवाई का आश्वासन देकर थानेदार अपनी बला टाल देते हैं। यही हाल तहसीलों पर होता है। पीड़ितों को कई बार चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए सीएम हेल्प लाइन नंबर की आवश्यकता महसूस की गई। यूपी गवर्नमेंट ने इसे मिशन शक्ति से जोड़ दिया है। ताकि महिलाएं भी बेखौफ होकर अपनी बात रख सकें। सीएम हेल्प लाइन पर अपने वाली महिलाओं की शिकायतों को गोपनीय रखा जाएगा। कार्रवाई हुई कि नहीं, इसका भी फीडबैक लेने के बाद कार्रवाई पूरी होगी।

गलत सूचना देने पर ब्लाक होगा मोबाइल नंबर
सीएम हेल्प लाइन नंबर पर किसी तरह की गलत सूचना देने पर कार्रवाई होगी। किसी तरह की शरारत और गलत बात सामने आने पर नंबर ट्रेस करके उसे ब्लाक कर दिया जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्राविधान भी किया गया है। प्रशासनिक अमले से जुड़े लोग बताते हैं कि यदि काल अटैंड करने वाला आप की बात नहीं समझ पा रहा है तो हेल्प लाइन नंबर पर व्हाट्सएप भी किया जा सकता है।

ऐसे काम करेगा सीएम हेल्प लाइन नंबर 1076
— 1076 पर फ्री में काल होगी। कॉलर का फोन रिसीव किया जाएगा।
— किसी महिला के काल करने पर महिला कर्मचारी काल रिसीव करेंगी।
— मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ में यह काल जाएगी। सभी जिलों के लिए 170 लाइन बनी है।
— नंबर पर काल करने पर कालर से पूरी जानकारी ली जाएगी। उसे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
— शिकायत दर्ज होने पर कंप्लेन नंबर दिया जाएगा। चार घंटे के भीतर निस्तारण के लिए अधिकारी पहुंचेंगे।
— जांच अधिकारी शिकायत का वन टाइम पासवर्ड लेकर एप पर पूरी जानकारी लोड करेंगे।
— पीड़ित की फोटो सहित हस्ताक्षर कराकर सेल में भेजा जाएगा।
— तय समय में जांच के बाद पूरे मामले का निस्तारण होगा।

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