आधी रात को जेल से हुई डॉ. कफील की रिहाई, हाई कोर्ट ने दिया था तुरंत छोड़ने का आदेश

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– ऑक्सीजन कांड से चर्चा में आए डॉ. कफील
– 2017 में 10, 11 अगस्त की रात 60 से अधिक बच्चों की हुई थी मौत
– तत्कालीन प्रिंसिपल और डा. कफिल सहित अन्य पर दर्ज हुआ था मुकदमा

गोरखपुर। मंगलवार को प्रयागराज हाई कोर्ट ने एनएसए हटाने का आदेश जारी करते हुए डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया। आधी रात को ही जेल प्रशासन ने उनको रिहा कर दिया। डॉ. कफील पर एनएसए लगाने को गलत कार्रवाई बताते हुए चुनौती दी गई थी। डॉ. कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी। इस पर फैसला सुनाते हुए प्रयागराज हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ डीएम की ओर से 13 फरवरी, 2020 को पारित आदेश (एनएसए की कार्रवाई) गैरकानूनी है। कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि का विस्तार भी अवैध है। कोर्ट ने डॉ. कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया। पिछले छह माह से डॉ. कफील जेल में थे। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर डॉक्टर कफील को निरुद्ध किया गया। उनकी रिहाई से समर्थकों में खुशी है। परिजनों ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई।


60 बच्चों की मौत, चर्चा में डॉक्टर कफील
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में वर्ष 2017 के अगस्त माह में 60 से अधिक बच्चों की मौत के बाद बाल रोग विभाग में तैनात डॉक्टर कफील खान चर्चा में आए। इस मामले में तत्कालीन प्राचार्य डा. राजीव मिश्र, उनकी पत्नी और डा. कफिल सहित कई अन्य को बच्चों की मौत का जिम्मेदार मानते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया। एक-एक करके सभी आरोपियों को जमानत मिल गई। डॉक्टर कफील भी जमानत पर छूटे तो उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आरोप है कि वह अपने कामों से गवर्नमेंट को बदनाम करने की कोशिश करने में लगे रहे। एक दिन अचानक ही बहराइच के सरकारी अस्पताल में पहुंचकर बच्चों का उपचार करने लगे। अस्पताल प्रशासन को जानकारी हुई तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने ​गिरफ्तार किया।

सीएए के खिलाफ भाषण देने में हुई गिरफ्तारी
डॉक्टर कफील पर आरोप है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में भाषण दिया। उनके भाषण देने से माहौल खराब होने पर पुलिस ने फिर गिरफ्तार कर लिया। उनको मथुरा जेल में रखा गया। डॉक्टर कफील की जमानत के लिए याचिका दाखिल हुई। जमानत मिलने पर उनकी रिहाई होती। इसके पहले ही उन पर एनएसए की कार्रवाई हो गई। इस मामले में याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील पर लगे एनएसए को गलत बताते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया। डॉ. कफील के भाई आदिल खान ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए इसे सच्चाई की जीत बताया। आदेश मिलते ही लोग मथुरा रवाना हो गए। रात में करीब 12 बजे डॉ. कफील को जेल प्रशासन ने रिहा कर दिया। बताया जा रहा है वह अपने छोटे भाई कासिफ जमाल के साथ दिल्ली चले गए हैं।

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