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(www.chaipanchayat.com)
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण कार्य की घोषणा सरकार की सकारात्मक पहल है। फिल्म सिटी के साथ-साथ सरकार फिल्मों को थियेटर तक ले जाने की पहल करे। क्योंकि फिल्में तो बन जाएंगी। लेकिन वह यदि सिनेमा हॉल तक नहीं पहुंचीं तो उसकी सार्थकता नहीं रह जाएगी। यह कहना है फ़िल्म अभिनेता संजय मिश्रा का।
रोजमर्रा की भाषा है वेब सीरीज़ की अश्लीलता
मंगलवार को गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की तरफ से आयोजित परिचर्चा एवं साक्षात्कार कार्यक्रम में उन्होंने कहाकि वेब सीरीज की फिल्मों में अश्लीलता को हम अश्लीलता ना कह करके इसे रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाली भाषा कह सकते हैं। इस पर किसी सेंसर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सिनेमा, समाज का आईना होता है और आईना झूठ नहीं दिखाता। जो समाज में हो रहा है। वह उसे व्यक्त करता है।
सिनेमाहाल बचाए सरकार, वरना सब बेकार
उन्होंने कहा कि जिस तरह से धीरे-धीरे सिनेमा हॉल बंद हो रहे हैं। उसी प्रकार सिनेप्लेक्स भी आने वाले समय में बंद हो जाएंगे और लोग मोबाइल पर फिल्में देखते नजर आएंगे। अगर हम अभी इसको लेकर सतर्क नहीं हुए तो यह दिन जल्द ही सामने होगा। सरकार को चाहिए कि फिल्म सिटी निर्माण के साथ-साथ सिनेमाघरों को पुनः व्यवस्थित करें। ताकि उसमें फिल्में चलाई जा सकें। यदि सिनेमा हाल ना रहे तो सिनेमा बनाने का क्या फायदा।
तो और समृद्ध होगा भोजपुरी सिनेमा
उन्होंने कहा कि यदि गोरखपुर के लोग कोई फिल्म बनाते हैं तो वह कम बजट में भी काम करने के लिए तैयार हैं। ताकि गोरखपुर में फिल्मों को बढ़ावा मिल सके और स्थानीय कलाकारों को बेहतर मंच मिले। संजय ने कहा कि भोजपुरी फिल्में देखने के लिए लोग सिनेमा हाल तक नहीं जाते हैं। जबकि अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को देखने वहां के दर्शक खूब जाते हैं। ऐसे में यदि भोजपुरी क्षेत्र के लोग सिनेमा हॉल में पहुंचे और फिल्मों को देखें तो भोजपुरी सिनेमा और भी समृद्ध हो सकता है।
मिलेगा सभी राज्य के लोगों को रोजगार
संजय मिश्रा ने बताया कि बचपन में गोरखनाथ मंदिर आया था। बड़े होने पर फिर से आया हूं। उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी एक बहुत ही सराहनीय कार्य है। उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्मों के प्रति कितनी सक्रियता है। इसी से यह स्पष्ट होता है। फ़िल्म सिटी से सभी राज्य के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। संजय मिश्र ने कहा कि पहले और अब की फिल्मों में काफी बदलाव आए हैं। अपने संघर्ष के दिनों की याद भी उन्होंने ताजा की। बताया कि कैसे अंडे के ठेले लगाए और दूसरे काम भी किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ स्क्रिप्ट पढ़कर बोलने से भाव नहीं आते। उसे समझने की जरूरत भी होती है।
साफ-सफाई है सबकी जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि मैं पटना नगर निगम के स्वच्छता कार्यक्रम से भी जुड़ा हूं। यह कोई अभियान नहीं है। बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें स्वच्छ, साफ – सुथरा परिवेश रखना चाहिए। इसके पूर्व वरिष्ठ पत्रकार सुजीत पांडे ने संजय मिश्र से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब के पूर्व उपाध्यक्ष मृत्युंजय शंकर सिन्हा ने किया। गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष मार्कंडेय मणि त्रिपाठी ने सिने अभिनेता संजय मिश्रा का स्वागत किया। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अतुल मुरारी तिवारी, महामंत्री मनोज यादव, संयुक्त मंत्री आशीष भट्ट, कोषाध्यक्ष बैजू गुप्ता, पुस्तकालय मंत्री निखिलेश प्रताप सिंह, कार्यकारिणी सदस्य दीपक त्रिपाठी, अंगद प्रजापति , संजय कुमार के साथ-साथ प्रगति इन होटल के मालिक ध्रुव श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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