गांव – गांव घूमे, बिरादरी को सहेजा, अधिकार की बात करके राजनीति के फलक पर चमके संजय निषाद

Estimated reading time: 0 minutes

• आशुतोष मिश्र

गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज विधान सभा क्षेत्र के रहने वाले डॉक्टर संजय निषाद विधान परिषद में पहुंचेंगे। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने उनके नाम पर मनोनयन कर दिया है। कभी इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता दिलाने के आंदोलन से संघर्ष की आवाज बुलंद करने वाले संजय निषाद अब निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। गोरखपुर सहित कई यूपी के निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की लंबी लड़ाई लड़ते हुए कम समय में उन्होंने अपनी राजनीतिक पहचान बनाई।

निषाद पार्टी का गठन किया, बढ़ता गया कारवां
डॉ. संजय निषाद ने वर्ष 2002 में पूर्वांचल मेडिकल इलेक्ट्रो होम्योपैथी एसोसिएशन का गठन​ किया। इसके माध्यम से वह इस विधा को मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष करने लगे। कई नेताओं और प्रभावशाली लोगों से मुलाकात की। फिर अपने समाज के उत्थान के लिए उन्होंने वर्ष 2013 में निषाद पार्टी का गठन कर लिया। इसके पहले उन्होंने वर्ष 2008 में आल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनारिटी वेलफेयर मिशन और शक्ति मुक्ति महासंग्राम नाम के दो संगठन भी बनाए थे। संघर्ष को मुकाम देने के लिए वह राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद बनाकर भी लोगों को सहेज चुके थे।

कसरवल कांड से उठी चर्चा, प्रदर्शनकारी की हुई मौत
निषादों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के लिए संजय ने गांव—गांव संघर्ष शुरू किया। वह अपने समाज के लोगों के बीच जाकर उनको जागरूक करने लगे। बच्चों को पढ़ाने से लेकर रोजगार की बात करके उन्होंने सभी को जोड़ना शुरू किया। छोटे—छोटे प्रदर्शन से काफी उठकर संजय निषाद कसरवल कांड को अंजाम दिया। इसकी जानकारी खुफिया तंत्रों को नहीं लगी। खलीलाबाद के मगहर में जनसभा का एलान करके वह कसरवल में पहुंच गए। रेलवे ट्रैक जाम करके प्रदर्शन करने के दौरान पुलिस से झड़प हुई। इस दौरान उनके एक साथी की मौत हो गई। प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग पहुंचे थे। इसलिए इसकी चिंगारी पूरे प्रदेश में फैली। आगजनी, हिंसा, रेलवे ट्रैक जाम करने और पुलिस पर हमले में संजय निषाद जेल भेजे गए।

जेल से छूटकर बढ़ाया दायरा, उप चुनाव में बेटे को बनाया सांसद
जून 2015 में सहजनवां के कसरवल कांड ने संजय निषाद को नई पहचान दी। जेल से रिहा होने के बाद वह संगठन को मजबूत करने में जुट गए। जुलाई 2016 में चंपा देवी पार्क में विशाल रैली कर निषादों के एकजुट होने का प्रदर्शन किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में 72 सीटों पर प्रत्याशी उतारे, जिसमें ज्ञानपुर से विजय मिश्रा को जीत हासिल हुई। पनियरा, कैंपियरगंज, सहजनवां, खजनी सीट पर उनके प्रत्याशियों को 10 हजार से अधिक वोट मिले। गोरखपुर ग्रामीण सीट से खुद लड़ रहे संजय चुनाव हार गए। लेकिन इस बीच उनके लिए किस्मत का दरवाजा खुला। प्रदेश में भाजपा लौटी तो पार्टी ने सदर सांसद महंत योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का सीएम बना दिया। इससे गोरखपुर लोकसभा की सीट खाली हो गई। तब सपा ने संजय निषाद के बेटे इंजीनियर प्रवीण निषाद को उप चुनाव लड़ा दिया। सपा के टिकट पर वह लोकसभा गोरखपुर उप चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे।

समाज के लिए करते रहे संषर्घ
बेटे के सांसद बनने के बाद संजय निषाद ने अपने आंदोलन को धार देनी शुरू कर दी। वह लगातार अपने मंसूबे को अंजाम देने में लगे रहे। गोरखपुर में कभी पूर्व मंत्री जमुना निषाद अपनी बिरादरी के अगुवा थे। उनके बाद पूर्व मंत्री रामभुआल सहित अन्य ने कमान संभालने की कोशिश की। लेकिन कामयाब नहीं हो सके। राजनीति की बीच धारा में उतर चुके संजय निषाद ने मंझधार में अपनी पतवार को संभालकर रखा। बिरादरी में बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए एक बार फिर भाजपा ने उनको मौका दिया। वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में प्रवीण निषाद को भाजपा ने खलीलाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया। पूर्वांचल के बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे कुशल तिवारी के मुकाबले प्रवीण को उतारा। पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए प्रवीण सांसद चुने गए। लेकिन इसके बाद भी संजय निषाद ने अपना आंदोलन जारी रखा।

साजिशों से नहीं घबराएं, संषर्घ को देते रहे धार
वह लगातार पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलकर निषाद समाज की लड़ाई लड़ते रहे। इस बीच संजय निषाद का एक स्टिंग भी हुआ। लेकिन इन सब से परे हटकर वह अपने कामों में लगे रहे जिसका नतीजा सामने है कि आगामी विधान सभा चुनावों में निषाद वोटों की बदौलत नैया पार करने के लिए संजय निषाद को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भेजने का निर्णय लिया गया। संजय के एमएलसी बनने से उनके कार्यकर्ताओं में उत्साह है। उनका कहना है कि हमारे मुखिया बिरादरी के लिए आगे भी संषर्ष करते रहेंगे।

Chai Panchayat

खबरें नए गोरखपुर की

Recent Posts

ट्रेन में किट्टू का सफर, बच्चों में कौतूहल, बड़ों का मनोरंजन

– तीन वर्ष के डॉगी ने किया कमाल, 72 रुपये में मिली ‘विशेष सेवा’ –…

2 weeks ago

छठ पर्व पर यात्रियों की सुविधा हेतु विशेष रेलगाड़ी का संचालन

गोरखपुर। छठ महापर्व सम्पन्न होने के पश्चात यात्रियों की वापसी यात्रा को सुगम बनाने के…

3 weeks ago

रंगोत्सव की गंगोत्री : रंगों में सजी संवेदना, सृजन और संस्कृति का उत्सव

गोरखपुर। गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय में शुक्रवार को “गंगोत्री रंगोत्सव–2025” के अंतर्गत आयोजित “चित्रकला प्रतियोगिता…

3 weeks ago

गोरखपुर में काले धन पर वार, वैशाली एक्सप्रेस से एक करोड़ रुपये बरामद

गोरखपुर । जीआरपी ने काले धन के जाल पर बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार देर…

3 weeks ago

नगर आयुक्त ने किया लाल डिग्गी पार्क का निरीक्षण, कार्य में तेजी लाने के निर्देश

गोरखपुर। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बृहस्पतिवार को लाल डिग्गी पार्क का निरीक्षण किया।…

3 weeks ago

गोरखपुर में शुरू हुआ विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान

— 2003 के बाद पहली बार मतदाता सूची का गहन सत्यापन — 7 फरवरी 2026…

3 weeks ago