गोरखपुर। शहर में मेडिकल जांच के दौरान जिस गर्भस्थ शिशु को डॉक्टरों ने स्वस्थ बताया था। वह पैदा हुआ तो मां- पिता और अन्य परिजन हैरत में पड़ गए। दिव्यांग बच्चे को सामान्य बताने वाले चार डाक्टरों पर कैंट पुलिस ने छलपूर्वक जालसाजी करने का केस दर्ज किया है। गीडा क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित की शिकायत पर सीएमओ ने मामले की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया था। जांच में दोषी पाए जाने पर एसएसपी ने मुकदमा दर्ज कराया है। अब बेतियाहाता चौकी प्रभारी मुकदमे की जांच कर रहे हैं।
गीडा थाना क्षेत्र के देईपार निवासी अभिषेक पांडेय ने एसएसपी को एप्लिकेशन दिया। बताया कि उनकी पत्नी अनुराधा के गर्भवती होने पर 20 जनवरी 2020 को बेतियाहाता में हनुमान मंदिर के पास बैठने वाली डॉ. अरुणा छापडि़या को दिखाया गया। डॉ. की सलाह पर 30 मार्च 2020 सिविल लाइंस कसया रोड पर डा. अंजू मिश्रा के पास ले गए। 9 मई 2020 को हनुमान मंदिर के पास डॉ. नेहल छापड़िया और 6 जुलाई 2020 को पुन: डॉ. अरुणा छापड़िया को दिखाया। 5 जुलाई 2020 को सहजनवां में केनरा बैंक के पास डॉ. काजल को दिखाया। डाक्टरों की सलाह के अनुसार अभिषेक जांच कराया जिसमें बताया गया कि गर्भ में पल रहा बच्चा पूरी तरह से विकसित और स्वस्थ है। 15 अगस्त 2020 को जिला अस्पताल में उनकी पत्नी को लड़का पैदा हुआ। डाक्टरों ने बताया कि उनका बच्चा दिव्यांग और अविकसित है। उसका बायां हाथ नहीं है। सिर और मुंह का विकास भी ठीक ढंग से नहीं हुआ है। अभिषेक ने इसकी शिकायत डीएम से की तो उन्होंने जांच का निर्देश दिया। जांच में जिन डाक्टरों को दोषी पाया गया। उनके खिलाफ मुकदमे की मांग अभिषेक ने एसएसपी से की। सीओ कैंट सुमित शुक्ल ने बताया कि मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है। साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
