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गोरखपुर। जिले में बेघरों की मदद के लिए पूर्व छात्र नेता ने टीम का गठन किया है। ये टीम उनकी मदद करेगी जिनके पास घर नहीं है। ऐसे 11 बेघरों को चिन्हित करके उनको एक-एक लाख रुपए का सहयोग देने की तैयारी की गई है। इस बात की जानकारी खुद पवन सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। पवन सिंह का कहना है कि समाज सेवा के लिए वो हरदम तैयार रहते हैं।
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पवन सिंह ने ये विचार किए हैं शेयर
“बेसहारों को उनके सपनों का आशियाना देना”
इसे ज़रूर पढ़ें, शायद आपके चंद मिनट से किसी असहाय का भला हो जाए और उसके सपनो की ईंट सज जाए!
प्रिय मित्रों और साथियों
सादर प्रणाम।
जब भी मेरे मन में व्याकुलता होती है तो मैं आप सभी से साझा करता हूं। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ जिसके कारण मैं आप सभी से अपने विचार या यूं कहें कि अपना एक निर्णय साझा कर रहा हूं। कई दिनों से घर से बाहर था तो घर की याद आ रही थी जिससे मैं व्याकुल हो रहा था। मेरी व्याकुलता और तब बढ़ गई जब मैं अपने उन लोगो के बारे में सोचने लगा जिनके पास घर ही नहीं है , जिनके सपनों में छत जैसी कोई चीज़ ही नहीं आती।
मैं कोई राजनेता या किसी संवैधानिक पद पर नहीं हूं। लेकिन अपनों की मदद करने के लिए मदद का भाव होना ही काफ़ी होता है, मैंने अपनों के विकास की भावना से यह निर्णय लिया है कि मैं 11 लोगों के सपनो में रंग भरूंगा। उनके सपनों की ईंट मैं उन्हें दूंगा। मैंने निर्णय लिया है कि स्वयं अपने खर्चे से 11 परिवारों के सपने की ईंट सजाएंगे। क्षेत्र से सबसे गरीब जरूरतमंद, निर्बल, असहाय, वास्तविक जरूरतमंद जिनके घर टूटे हो, छत से पानी चू रहा हो, दीवारें गिर गई हों या उनके दीवारों पर छत ना लगी हो, ऐसे प्रत्येक परिवार को (100001) एक लाख एक रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करूंगा। एक विधानसभा से सिर्फ़ एक परिवार की मदद होगी। ज़रूरतमंदों की संख्या बढ़ने पर इसे 50001 न्यूनतम राशि हर परिवार को ज़रूर दी जाएगी। इस निर्णय में मेरी माताजी, पिता जी और समस्त परिजनों का विशेष योगदान मिल रहा है। उन्होंने मुझे प्रेरित भी किया और मेरे इस निर्णय को समर्थन भी दिया।

हर जाति-धर्म के लोगों की होगी मदद
पवन का कहना है कि मदद देने के दौरान कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। चाहे मदद मांगने वाला किसी जाति, धर्म या समुदाय का हो, चाहे वो किसी भी विचारधारा का हो , चाहे वो किसी भी दल का समर्थक हो ,सबके लिए यह दरवाज़े खुले हैं, मेरी जितनी शक्ति होगी वो मैं सिर्फ आप सबके लिए इस्तेमाल करूंगा, यह मेरा आप सब से वादा था, हैं और रहेगा। यह सब मेरे लिए अकेले कर पाना बहुत कठिन होता है। इसलिए मैंने एक टीम बनाई है और उसको नाम भी दिया है “सपनों की ईंट”। हमारी टीम जरूरतमंदों से संपर्क करेगी। अपने सर्वे के आधार पर हम निर्णय लेंगे कि किसे मदद की ज्यादा जरूरत है। पवन ने बताया कि इस मदद की शुरुआत मेरी माता के कर कमलों से मेरे गोरखपुर, गोरखनाथ स्थित आवास से जल्द ही होगी। मेरी मां का कहना है कि यह समाज में परिवर्तन लाने वाला कार्य है। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि किसी भी ज़रूरतमंद को निराश ना करूं।
















