गोरखपुर। जिले में पुलिस ने इस बार एक अनूठा प्रयोग किया। गणतंत्र दिवस के मौके पर थाना के आसपास के स्कूली बच्चों को पुलिस थाने के कामकाज से रूबरू कराया। रविवार को थानों पर पहुंचे बच्चों को एक दिन का थानेदार बनने का मौका मिला। एक छात्र को चुनकर कर उसे एक घंटे के लिए थानेदार बनाया गया। इस दौरान उसी थानेदार के कमांड में थाना काम करता रहा। अन्य बच्चों ने भी थाने का कामकाज देखा। थाने के बैरक से लेकर दफ्तर तक का पूरा जायजा लिया। मसलन, पुलिस कैसे काम करती है? मुल्जिमों की धरपकड़ कर मुकदमा कैसे लिखा जाता है। दरोगा और सिपाहियों की क्षेत्र में गश्त करने की ड्यूटी कैसे लगती है? किसी घटना पर पुलिस क्या कदम उठाती है? सहित कई बिंदुओं पर बच्चों ने जानकारी ली।

कप्तान की पहल पर बच्चे बने थानेदार
गोरखपुर के एसएसपी डॉक्टर सुनील गुप्ता की पहल पर ये सब कुछ हुआ जिन्होंने एक दिन के लिए बच्चों को थानेदार बनाने का निर्देश जारी किया था। जनपद के विभिन्न थानों पर पहुंचे बच्चे पुलिस की कार्यप्रणाली जानकर काफी खुश नजर आए। पुलिस का कहना है यह प्रयास सिर्फ इसलिए किया गया ताकि बच्चे भी पुलिस की वर्किंग जान सकें। इस प्रयास से आमजन को पुलिस से सीधा जोड़ा जा सका। बच्चों ने यह जाना कि पुलिस कैसे काम करती है। यही बच्चे बड़े होकर समाज को आईना दिखाएंगे। ऐसे में उनके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि पुलिस कैसे काम करती है?

थाने में बोले बच्चे, पुलिस जमकर करती है काम
समाज में जब भी पुलिस का जिक्र होता है तो कई बार न सिर्फ नकारात्मक छवि आती है। बल्कि उसके अच्छे कार्य की सराहना भी नहीं हो पाती है। जबकि अन्य विभागों की अपेक्षा पुलिस 24 घण्टे की ड्यूटी करती है। समाज में पुलिस की छवि बदलने के लिए समय-समय पर तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। उन्हीं प्रयोगों में गणतंत्र दिवस पर अनूठी पहल हुई। गोरखपुर पुलिस के इस प्रयास की खूब सराहना हो रही है। ऐसा नहीं था कि बच्चों को बुलाकर सिर्फ एक दिन का थानेदार ही बनाया गया। बल्कि उनकी मेहमानवाजी का भी पूरा ख्याल रखा गया। चाय -नाश्ते से लेकर भोजन भी ऑफर किया गया। इस नए अनुभव के बारे में बच्चों ने कहा कि कई बार हम लोग पुलिस के बारे में गलत अवधारणा बना लेते हैं। इसलिए ऐसे प्रयास भी होने चाहिए।
