कोरोना से हुई मौत या दूसरी बीमारियों ने ली जान, गोरखपुर में सर्वे कराएगा स्वास्थ्य विभाग

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गोरखपुर। जिले में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले एक-एक व्यक्ति की मृत्यु का विश्लेषण होगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने 19 अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी के लिए जनपद के सभी अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्साधिकारियों को पत्र जारी किया है। इन बिंदुओं के आधार पर कोरोना पाजिटिव की मृत्यु का विश्लेषण किया जाएगा। यह सर्वे कोरोना के कारण गोरखपुर जनपद में होने वाली मौतों का ट्रेंड बताने में भी मददगार होगा। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जिले में कोरोना से जो भी मौते हो रही हैं, उनमें मरीज के पूर्व की किसी गंभीर बीमारी की केस हिस्ट्री भी सामने आ रही है। गोरखपुर में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों के मुताबिक मृत्युदर 2.33 प्रतिशत है।

जानकारी जुटाकर चलाएंगे जागरूकता अभियान
उन्होंने बताया कि प्रत्येक मौत के मामले में सूचनादाता का विवरण, मरीज का विवरण, मृत्यु का विवरण, प्रथम लक्षण का विवरण, लक्षण और मृत्यु के समय के बीच का अंतर, स्वास्थ्य विभाग को लक्षण के बारे में दी गई जानकारी का विवरण, सरकारी अस्पताल से पहले हुए कहीं पर हुए इलाज का विवरण, सूचना प्राप्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही का विवरण और डायग्नोसिस सहित 19 बिंदुओं पर सर्वे होगा। इस सर्वे का यह भी फायदा होगा कि समुदाय को बीमारी से होने वाली मौत के कारणों के बारे में भी संवेदीकृत किया जा सकेगा। लोगों के मन से कोरोना का भय खत्म करने में मदद मिलेगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि पत्र के साथ 37 कोरोना मृतकों की सूची भेजी गई है। बाकी मौतों से संबंधित जानकारी भी समय-समय पर साझा कर यह विश्लेषण करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन 37 मृतकों की सूची दी गई है। वह सभी ह्रदय रोग, किडनी, ब्रेन ट्यूमर, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, क्रानिक रेनल डिजीज में से किसी न किसी एक या एक से अधिक बीमारी से ग्रसित थे। इस विश्लेषण से अब यह भी सामने आ सकेगा कि मौत के कारण में सिर्फ पूर्व की बीमारी या कोरोना के इलाज में किसी तरह लेटलतीफी जिम्मेदार बनी। उन्होंने मृतकों के परिजनों से अपील की है कि वह इस विश्लेषण में सही जानकारी देकर पूरा सहयोग करें।

जनपद में 2.33 फीसदी है कोरोना से मृत्यु दर
मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा है कि कोरोना से लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। अगर किसी के भीतर कोरोना का लक्षण नजर आए तो छुपाए नहीं, बल्कि जांच कराएं। जिले में 29 जुलाई तक मिली रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की मृत्यु दर 2.38 फीसदी है जिसे जनजागरुकता से और भी कंट्रोल किया सकता है। हर सामने वाले को कोरोना मरीज मान कर अगर सावधानी बरती जाए तो संक्रमण रोकने में काफी मदद मिलेगी। हर किसी को दो मीटर दूरी बना कर रखना चाहिए और मॉस्क अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए। एक मिनट तक साबुन पानी से हाथों को धुलना है। अगर भीड़भाड़ वाली जगह पर काम कर रहे हैं तो हर घंटे हाथों का धुलने या सैनिटाइज करने की आदत डालनी होगी। कोरोना बहुल इलाकों से गुजरते समय फेस शील्ड, चश्मे या हेलमेट का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे कोरोना से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।

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